Astro Prashant Srivastava
Shani Gochar aur Vakri-Margi 2025: Sabhi Dates aur 12 Rashiyo par Prabhav
शनि गोचर और वक्री-मार्गी 2025: सभी तिथियाँ और 12 राशियों पर प्रभाव शनि ग्रह को ज्योतिष में न्यायाधीश और कर्मफलदाता माना जाता है। शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है। शनि का गोचर धीमी गति से होता है और यह एक राशि में लगभग 2.5 वर्ष तक रहता है। वर्ष 2025 में शनि कुंभ और मीन राशि में स्थित रहेगा और बीच में वक्री और मार्गी होने के कारण सभी राशियों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
SHANI RASHI PARIVARTAN 2025
Prashant Srivastava
12/17/20241 min read


शनि गोचर और वक्री-मार्गी 2025: सभी तिथियाँ और 12 राशियों पर प्रभाव
शनि ग्रह को ज्योतिष में न्यायाधीश और कर्मफलदाता माना जाता है। शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है। शनि का गोचर धीमी गति से होता है और यह एक राशि में लगभग 2.5 वर्ष तक रहता है। वर्ष 2025 में शनि कुंभ और मीन राशि में स्थित रहेगा और बीच में वक्री और मार्गी होने के कारण सभी राशियों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। शनि 29 मार्च को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे.
शनि गोचर और वक्री/मार्गी 2025 की तिथियाँ
1. शनि का गोचर:
- वर्ष 2025 में शनि २९ मार्च तक कुंभ राशि में स्थित रहेगा।
- वर्ष 2025 में शनि 29 मार्च रात 11 बजकर 01 मिनट से मीन राशि में प्रवेश कर जायेंगे, यहाँ 03 जून 2027 तक रहेंगे।
2. शनि का वक्री होना:
- 13 जून 2025: शनि वक्री होगा (मीन राशि में)।
3. शनि का मार्गी होना:
- 28 नवंबर 2025: शनि मार्गी होगा (मीन राशि में)।
शनि का मीन राशि में गोचर और वक्री-मार्गी स्थितियाँ सभी राशियों के लिए अलग-अलग प्रभाव डालेंगी। आइए जानते हैं वर्ष 2025 में शनि के इन गोचरों का सभी राशियों पर विस्तार से प्रभाव।
मेष राशि पर प्रभाव
- शनि बारहवें भाव में रहेगा: विदेश यात्राओं के योग बनेंगे। खर्चों पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
- सुझाव: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें और शनिवार को दान करें।
वृष राशि पर प्रभाव
- शनि ग्यारहवे भाव में रहेगा: यह समय आपके लिए आय में वृद्धि और लाभ का रहेगा। नई योजनाएँ सफल होंगी। आपकी इच्छाएँ पूरी होंगी।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): इस समय कुछ वित्तीय चुनौतियाँ आ सकती हैं। खर्च बढ़ सकते है ।
- सुझाव: धैर्य बनाए रखें और निवेश सोच-समझकर करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को व्रत करे ।
मिथुन राशि पर प्रभाव
- शनि दसवें भाव में रहेगा: कार्यक्षेत्र में उन्नति के संकेत हैं। प्रमोशन और नौकरी में सफलता के योग बनेंगे।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर):* करियर में रुकावटें आ सकती हैं। अधिकारियों से विवाद से बचें।
- सुझाव: कार्यक्षेत्र में धैर्य से काम लें और शनिदेव की पूजा करें।
कर्क राशि पर प्रभाव
- शनि नवम भाव में रहेगा: भाग्य आपके साथ रहेगा। आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी। विदेश यात्रा के योग हैं।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): भाग्य का साथ कम हो सकता है। यात्राओं में बाधाएँ आ सकती हैं।
- सुझाव: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें और मंदिर में काळा तिल चढ़ाएँ।
सिंह राशि पर प्रभाव
- शनि अष्टम भाव में रहेगा: यह समय आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): मानसिक तनाव बढ़ सकता है। अचानक धन हानि के योग बन सकते हैं।
- सुझाव शनिदेव की पूजा करें और गरीबों को काले कपड़े दान करें।
कन्या राशि पर प्रभाव
-शनि सप्तम भाव में रहेगा: विवाह और पार्टनरशिप में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन में सावधानी बरतें।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ सकते हैं। व्यापारिक साझेदारी में भी परेशानी आ सकती है।
- सुझाव: अपने जीवनसाथी के साथ संवाद बनाए रखें और शनि मंत्र का जाप करें।
तुला राशि पर प्रभाव
- शनि छठे भाव में रहेगा: शनि का यह गोचर आपके लिए लाभकारी रहेगा। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): कार्यक्षेत्र में चुनौतियाँ आ सकती हैं। कर्ज या मुकदमेबाजी से बचें।
- सुझाव: गरीबो को सरसों का तेल दान करें और पीपल के पेड़ की पूजा करें।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव
- शनि पंचम भाव में रहेगा: शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान से जुड़ी समस्याएँ हल होंगी।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): प्रेम संबंधों में तनाव आ सकता है। शिक्षा में बाधाएँ हो सकती हैं।
- सुझाव: शनि यंत्र की स्थापना करें और शनिवार को काले तिल का दान करें।
धनु राशि पर प्रभाव
- शनि चतुर्थ भाव में रहेगा: पारिवारिक जीवन में तनाव रह सकता है। घर-गृहस्थी के मामलों में संभलकर निर्णय लें।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): संपत्ति संबंधी मामलों में बाधाएँ आ सकती हैं। माँ का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
- सुझाव: शनिदेव की पूजा करें और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
मकर राशि पर प्रभाव
-शनि तीसरे भाव में रहेगा: साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): यात्राओं में रुकावटें हो सकती हैं। भाई-बहनों के साथ मतभेद संभव है।
- सुझाव: शनिदेव को काले चने का भोग लगाएँ और जरूरतमंदों की मदद करें।
कुम्भ राशि पर प्रभाव
- शनि दूसरे भाव में रहेगा: आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना होगा। वाणी में संयम रखें।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं।
- सुझाव: शनिवार को गरीबों को भोजन कराएँ और काली उड़द का दान करें।
मीन राशि पर प्रभाव
- शनि लग्न (प्रथम भाव) में रहेगा: यह समय आत्मविश्वास को बढ़ाएगा लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
- वक्री अवधि (13 जून से 28 नवंबर): स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। मानसिक तनाव रहेगा।
- सुझाव: शनिदेव के बीज मंत्र का जाप करें और शनिदेव को तेल अर्पित करें।
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